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बोल नं०
पृष्ठ बोल नं० पन्द्रह गाथाएं १२७ । गाथाएं
३८० ८२३ पूर्व चौदह १२ / ८८३ भाव श्रावक के सतरह । ८९४ पौषध के अठारह दोष ४१० लक्षण
३९२ ८७५ प्रभावती ३६५ / ८६८ भांगे सोलह आश्व ८४७ प्रमादी साधु गुणस्थान ७६ आदि के १६८ ८४७ प्रमत्तसंयत गुणस्थान ७६ । ८२५ भूतग्राम(जीवों) के भेद १७ ८७६ प्रमाणभूत शास्त्र सतियों के लिये ३७५
८७९ मरण सतरह प्रकार के ३८२ ८५५ प्रयोगगति पन्द्रह १३८
९०० मल्लि ज्ञात आठवां व
अध्ययन
४४४ ८४७ बन्ध गुणस्थानों मे ८०
९०० मल्लिनाथ भगवान् की ८५६ बन्धन नामकर्म के पन्द्रह भेद १४०
कथा
४४४ ८६३ बहुश्रुत साधुकी
८४४ महानदियाँ चौदह ४५ सोलह उपमाएं १५५ ८५४ महानिन्थीय अध्ययन ८८२ बाटेबहती(विहायोगति) । की पन्द्रह गाथाएं १३०
के सतरह भेद ३८९ ८७१ महायुग्म सोलह १७२ ८४७ बौद्धदर्शन में प्राध्या- | ८७८ महावीर भगवान् की त्मिक विकास ६७
० तपश्चर्या विषयक सतरह ८९२ ब्रह्मचर्य के १८ भेद ४१०
गाथाएं
३८० ८७५ ब्राझी १८५/ ८७४ महावीर की वसति
विषयक गाथाएं १८२ ९०० भगवान मल्लिनाथ की ८३० महास्वप्न चौदह २२ कथा
मंगलाचरण १ ८७८ भगवान महावीर की । ९०० माकंद ज्ञात नवाँ तपश्चर्या विषयक सतरह
अध्ययन
४५३