________________ श्री सेठिया जैन प्रन्थमाला - - - - - - - (5) मछरियाए-मत्सर भाव (स) से दान देना। (बारह ब्रतों का स्वरूप निर्देश तथा प्रतिचार हरिभवीयावश्यक अध्ययन के माधर से) - अन्तिम मंगल सर्व मङ्गल माङ्गल्यं, सर्व कल्याण कारणं / प्रधानं सर्व धर्माणां, जैन जयतु शासनम् / / // इति शुभं भूयात् // पुस्तक मिलने का पता श्री अगरचन्द भेरोदान सेठिया जैन पारमार्थिक संस्था मोहल्ला-मरोठी सेठियों का बीकानेर