________________ / श्री सेठिया जैन प्रन्थमाना : (1) सचित्त- नमक, पानी, वनस्पति, फल फूल, धान्य, बीज आदि की गिनती तथा बेजन की मर्यादा अपनी इच्छानुसार करके बाकी का त्याग करे। .. ." (2 द्रव्य-खान पान सम्बन्धी द्रव्यों की गिनती...... के उपरान्त त्याग करे। - " (3. विगय-धी,तेल, दूध, दही, गुड़ (मीठी) और पक्वान इनकी गिनती तथा वजन की मर्यादा करके बांकी का त्याग करे। करे। मर्यादा करके बांकी का त्याग करें। . (5) ताम्बूल-पान, सुपारी, इलायची, चूर्ण, खटाई, पापड़ आदि का गिनती या वजन की मर्यादाकरके बाकी का त्याग करे। (6) वस्त्र- सब जाति के वस्त्रों की गिनती की मर्यादा करके वाफी का त्याग करे। : " (7) कुसुम-फूल, इत्र आदि सुगन्धित पदार्थों की मर्यादा करके शेष का त्याग करे। (E) वाहण- गाड़ी, मोटर, तांगा, हवाई जहाज, नाव आदि सवारी की मर्यादा करके बाकी का त्याग करे। ; (6) शयन- शय्या, पाट, पाटला, पलङ्ग, मकान आदि के विषय में मर्यादा करे। / : / (10) विलेपन- लेप और मालिश किये जाने वाले द्रव्य जैसे केशर, चन्दन, तेल आदि के सम्बन्ध में मर्यादा करे। (11) अबम - (अब्रह्मचर्य)- स्वदार संतोष व्रत में जो मर्यादा की है उसमें संकोच करें।