________________ प्रोजेन सिद्धान्त बोल संग्रह, चौथा भाग 55 / (11) धूवविहि - धूप देने योग्य अगर चन्दन आदि पदार्थों की मर्यादा करना (......) भोजन पानी की मर्यादा निम्न लिखित है: (१२)पेज्जविहि-पीने योग्य पदार्थों की मर्यादाकरना( .. .. (13) भक्खणविहि- खाने के लिए पक्वान्न की मर्यादा करना(.. ...) (14) अोदण विहि- राधे हुए चावल, थूली, खीचड़ी आदि की मर्यादा करना ( .....) (15) सूपविहि-- मॅग, चना आदि की दाल की मर्यादा करना( ......) (16) घयविहि-- (विगयविहि) बी, तेल, दूध, दही आदि विगयों की मर्यादा करना (......) (17) सागविहि-शाक, सब्जी आदि शाक की जाति का. परिमाण करना (.....) (18) माहुरयविहि - पके हुए मधुर फलों की एवं पक्के फलों की जाति की मर्यादा करना (.....) की मर्यादा करना (......) (20) पाणिय विहि-पीने के लिए पानी की मर्यादा करना (....... __ (21) मुखवास विहि-भोजन के पश्चात् मुख को साफ करने '. के लिए, पान, सुपारी चूर्ण आदि पदार्थों की मर्यादा करना(.....) (उपासकादशाह अध्ययन सूत्र 1) (22) वाहण विहि-सवारी की मर्यादा करना (...)