________________ 04... श्री सेठिया जैन प्रन्थ माला यह व्रत दो प्रकार का है, एक भोजन सम्बन्धी, दसरा कर्म सम्बन्धी / उपभोगपरिभोग योग्य पदार्थों की मर्यादा नियत करना भोजन सम्बन्धी उपभोगपरिभोग परिमाण व्रत कहलाता है। इसका परिमाण इस प्रकार किया जाता है : (1) उन्लणियाविहि- शरीर पोंछने के अंगोछे आदि वस्त्रों की मर्यादा करना (......) , (2) दंतणविहि- दांतों को साफ करने के लिए दतौन आदि पदार्थों की मर्यादा करना (... ) ' (3) फलविहि-बाल आदि धोने के लिए भावला भादि फलों की मर्यादा करना (......) . (4 / अभंगणविहि-- शरीर पर मालिश करने के लिए तेल आदि द्रव्यों की मर्यादा करना (... ) . (5) उवट्टणविहि- शरीर पर लगाये हुए तेल को सुखाने के लिए उबटन (पीठी) आदि की मर्यादा करना (.....) / (6 मजणविहि-स्नान के लिए जल का अथवास्नान की संख्या का परिमाण करना ( . ....) __ - (7) वत्थविहि- पहनने, ओढने योग्य वस्त्रों की मर्यादा करना (.....) . . (E) विलेवण विहि-चन्दन, केशर भादि सुगन्धित द्रव्यों की मर्यादा करना (......). __(8)पुष्फविहि-फूल तथा फूल माला आदि का परिमाण निश्चित करना (.......) (10) प्राभरणविहि-गहने, जेवर भाभषण आदि का परिमाण करना (..........)