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श्री सेठिया जैन प्रन्माना
(8) चैत्र मास सप्ताह पैर
प्र० ३ द्वि. ३
अंगुल
(१० वैशाख मास .
पैर अंगुल
२
२
१०
- auv
(१०) ज्येष्ठ मास (१२) आषाढ मास सप्ताह पैर अंगुल पैर अंगुल
प्र. २ ७ २ ३ द्वि० २६ २ २ त० २५.
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नोट-पोरिसी का परिमाण चन्द्रसंवत्सर के अनुपार गिना जाता है । इस में ३५४ दिन होते हैं । आषाढ़, भाद्रपद, कार्तिक, पौष, फाल्गुन और वैशाख का कृष्ण पक्ष चौदह दिन का होता है। इस लिए इन्हें अवमरात्र कहा जाता है। इन पदों के सिवाय बाकी पक्षों में एक सप्ताह साढ़े सात दिन का समझना चाहिए।
अगर पौन पोरिसी की छाया का परिमाण जानना हो तो पहिले बताई हुई पोरिसी की छाया में नीचे लिखे अनुसार अंगुल मिला देने चाहिए-ज्येष्ठ, आपाढ़ और श्रावण मास में छ: अंगुल । भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक में आठ अंगुल । मार्गशीर्ष, पौष और माघ में दस अंगुल । फाल्गुन, चैत्र और वैशाख में आठ अंगुल ।
(उत्तराध्ययन अध्ययन २६ गाथा १३-१४) ८०४-धर्म के बारह विशेषण ' दुर्गतिपतनात् धारयतीति धर्म जो दुर्गति में पड़ते हुए प्राणियों