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श्राविकाश्रम इस वर्ष श्राक्किाश्रम में केवल एक ही श्राविका ने विद्याभ्यास किया।
उपहार विभाग . इस विभाग की ओर से रु० ११७) की श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह और रु. ४८) की अन्य पुस्तकें कुल रु. १६५॥३) की भेंट दी गई।
शास्त्र भण्डार (लायब्रेरी) इस वर्ष हिन्दी, अंग्रेजी और शास्त्र आदि विभिन्न विषयों की २२३ पुस्तकें मंगवाई गई।
वाचनालय इस विभाग में देनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक और चैमासिक पत्र पत्रिकाएँ माती हैं।
ग्रन्थ प्रकाशन विभाग इस वर्ष इस विभाग में नीचे दिखी पुस्तक छपाई गई(१) श्री जैच सिद्धान्त बोल संगह प्रथम भाग । (२) पच्चीस बोल का थोकड़ा (छठी प्रावृत्ति)। ३) पाँच समिति तीन गुप्ति का थोकड़ा (दूसरी यावृत्ति)।
प्रिंटिंग प्रेस (मुद्रणालय) इस वर्ष पुनः प्रेस का कार्य नये रूप से प्रारम्भ किया गया। एक नई बिजली की मशीन जिसका कि नाम मनोपोल है, ३०००) रु. में मंगवाई गई। जगात और मंगवाने का खर्चा अलम है। साथ ही नये टाइप भी मंगवाये गये । इस समय प्रेस का कार्य बहुत सुन्दर ढंग से चल रहा है ।
संस्था के वर्तमान कार्य कर्ता १ श्री शम्भूदयाल जी सकसेना साहित्यरत्न । २, मा० शिवलालजी सेठिया। ३ ,, मागिक चन्द्रजी भट्टाचार्य एम. ए. बी. एल । ४ ,, शिवकाली सरकार एम. ए.।। ५ ,, ज्योतिषचन्द्रजी घोष एम, ए. बी. एल। ६ .. खुशालीरामजी बनोट बी. ए. एल एल. बी.।