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श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह दूसरे भाग
खर्च का व्यौरा
प्रति ५०० कागज ३१ रीम, १४) प्रति रीम = ४३४)
(साइज १८+ २२= १, अट्ठाईस.पौण्ड) छपाई ७) प्रति फार्म
४३४) जिल्द बंधाई ।। एक प्रति =
१२५
९९३) आर बवाये गये हिसाब के अनुसार एक पुस्तक की लागत करीब दो २) रुपये पड़ी है। ग्रन्थ तय्यार कराना, प्रेस कापी लिखाना तथा प्रूफ रीडिङ्ग आदि का खर्चा इसमें नहीं जोड़ा गया है । इसके जोड़ने पर तो प्रन्थ की कीमत बहुत ज्यादा होती है। ज्ञानप्रचार की दृष्टि से कीमत केवल ११) ही रखी गई है, वह भो पुनः ज्ञानप्रचार में हो लगाई जायगी। नोट-इस पुस्तक की पृष्ठसंख्या ४४२ + ३३= कल मिलाकर ४७५ और
वजन लगभग १३ छटांक है। एक पुस्तक मंगाने में खर्च अधिक पड़ता है। एक साथ पांच पुस्तकें रेल्वे पार्सल से मंगाने में खर्च कम पड़ता है।मालगाड़ी से मंगाने पर खर्च और भी कम पड़ता है।
पुस्तक मिलने का पताअगरचन्द भैरोदान सेठिया जैन ग्रन्थालय
बीकानेर ( राजपूताना)