________________
५६१
मयों का
वास
४२४ नित्यानित्यादि पाठ पक्ष ७ | ४९७ न्याय दर्शन . १३२ ४२४ नित्यानित्य की चौभङ्गी ११ | ४३३ न्यून तिथि वाले पर्व ४० ५५९ निर्बीज प्राणायाम ३०५ | ५४९ पक्षाभास के भेद २९१ ४४३निर्विष्टकायिक कल्पस्थिति ४६ ४४७ पडिलेहणा की विधि ५२ ४४२ निर्विशमान कल्पस्थिति ४६
शनि ४४६ पतङ्गवीथिका गोचरी ५१ ५६२ निश्चय नय
५१३ पदवियाँ सात २३९ ५६१ निह्नव सात
४९६ परदेशी राजा के प्रश्न १०७
३४२ ५६० नेरियों का संहनन
५६० परमाधार्मिक देव ३२४ ____संस्थानश्वासोच्छ्वास ३३७
४९७ परिग्रह का स्वरूप १९८ ४७२ पर्याप्ति छः
७७ ५६० नेरियों का आहार
४२४ पर्याय (द्रव्यों के) ४ . योनि और कारण ३४०
५६२ पर्यायार्थिक नय के भेद ४२१ ५६. नेरियों की अवगाहना ३.९,
५३७ पर्वत वर्षधर। २७० ५६० नेरियों की प्रागति ३२७
५१७ परिठावणिया आगार २४७ ५६० नेरियों की उद्वर्तना ३२६
४४४ पलिमन्थु
४७ ५६० नेरियों की वेदना,निर्जरा३३९
। ४९७ पांच अणुव्रत ५६० नेरियों की परिचारणा ३३९
२००
५६१ पांचवां निह्नव ५६० नेरियों की विग्रहगति ३४०
३६६
४४८ पाणिप्राण विशो० प्रति०५३ ५६० नेरियों की संख्या ३३६
५२० पानी की एषणाएं ५६० नेरियों की स्थिति ३१९
२५०
५१९ पिण्डेषणाएं २४९ ५६० नेरियों के वर्ण श्रादि ३३६ | ४२६ पुद्गल के भेद २५ ५६० नेरियों की संग्रह गाथाएं ३३८ ५४६ पुद्गल परावर्तन २८४ ५६० नेरियों में मिथ्यादृष्टि ३१८, ४२४ पुद्गलास्तिकाय ५६. नेरियों में अन्तर काल ३२० | ४१६ पुरिमड्ढ़ के आगार २४६ ५६० नेरियों में अवधिज्ञान ३२३ |
४९७ पूर्व मीमांसा ५६० नेरियों में दस अनुभव ३४०
५६० पृथ्वैियाँ सात ३१४ ५६० नेरियों में दृष्टि,ज्ञान योग
५६० पृथ्वियों का स्वरूप ३१४ उपयोग और समुद्घात ३३७ ५४५ पृथ्वीकाय लक्ष्ण बादर २८४ ५६० नेरियों में लेश्या ३२१४६५ पृथ्वी के भेद ५६० नेरियों में सम्यगदृष्टि ३१८४४६ पेटा गोचरी ५६२ नैगम नय ४१२ ४८३ पोरिसी के आगार ४३१ नोउत्सर्पिणी अवसर्पिणी ३८ ४८३ प्रच्छन्न काल आगार ९८
६५