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१६७ / स्थापिता
[ ५४ ] विषय बोल नम्बर | विषय
बोल नम्बर सुधर्मा सभा ३६७ । स्थापना निक्षेप
२०६
३२६ सुपात्र दान मुप्रत्याख्यान
स्थावर काय पांच
४१२
स्थिति की व्याख्या और भेद ३१ सुलभ बोधि
स्थिति प्रतिघात
४१६ मुलभ बोधि के पांच बोल २८७
स्थिति बन्ध सूक्ष्म
स्थूल अदत्ता दान का त्याग ३०० सूक्ष्म क्रिया अनिवर्ती शुक्ल
स्थूल मृपावाद का त्याग ३०० ध्यान
२२५ स्नातक
३६६ सूक्ष्म सम्पराय चारित्र ३१५ स्नातक के पांच भेद ३७१ सूत्र की वाचना देने के पांच स्पशनेन्द्रिय
३६२ बोल ३८२ स्पृष्टिजा क्रिया
२६४ सूत्र श्रृत धर्म १९ स्मृत्यन्तर्धान
३०६ मूत्र सीखने के पांच स्थान 343 स्वदार मंत्र भेद
३०२ सूत्र स्थविर
स्वदार सन्तोष
३००
स्वदार सन्तोष व्रत के पांच सूत्रागम
३०४ सोपक्रम आयु
३० म्वप्न दर्शन के पांच भेद ४२१ मोपक्रम कर्म
२७ स्वहस्तिकी सौत के समान श्रावक १८४ स्वाध्याय की व्याख्या और स्तेनप्रयोग ३०३ भेद
३८१ स्तेनाहृत
३०३ स्वाभाविक गुण स्त्यानगृद्धि
४१६ स्त्री कथा के चार भेद हस्ति शुण्डिका
३५८ स्त्री वेद
हाडाहड़ा स्थण्डिल के चार भांगे १८२
हास्य की उत्पत्ति के चार स्थलचर
स्थान
४०६ स्थानातिग
हास्योत्पादन
४०२
हिंसा दण्ड स्थविर तीन
२६० ६१ स्थाणु के समान श्रावक
हिरण्य सुवर्ण प्रमाणातिक्रम ३०५ १८५
४२ स्थापना अनन्तक ४१७ | हेतु
३२
८३ अतिचार .
२६४
५१
१४६ ।
८
३५७