________________ [ ग ] अनानुपूर्वी पश्चानुपूर्वी 121 103 अषष्ट औपश शमिक अपकाय स्थित्ति असमथ भविष्यत रुप कथा दारिध अस्पष्ट औपशमिक अपकाय स्थिति असमर्थ भविष्यत् रूपकथा दारिद्रय 103 104 107 116 निवृत्ति रूप निवृत्त रुप श्रतस्कन्ध कायवलेश नदी 147 श्रुतस्कन्ध कायक्लेश नन्दी 156 वाग्वैदग्ध्य का का 160 समितियों हकते 187 समितियाँ मय कहते द्रव्यनिक्षेपःरौद्रध्यान समवायांग रोद्रध्यान समवयांग शुवल 195 166