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Citilora of Sist PrikatAphrana & Hindi Manuscripts (Piya-Pajha-Vidhāna )
१९११ रत्नत्रयपुजा
Opening Closing
Corophon :
Opening
Closing : Colopl.on
Opening
Closing 1
Colophon :
Opening :
Closing :
Colophon
देखें १९१२ |
मोहादिविष्टमनपादिने कलमहि ।
या विमान विमनहि अवतारयामि ॥
अनुपमध ་
१९१२. रतनय-पूजा
श्रीमान श्रीमन नपि ।
QAZMAT ÁRIA Tea zenrassing ngu
१० १९०६ ।
इति लभ्य
भाषा वारसा मम्वृणम्
द नं०मि० म० प्र० । ० ६२३ ।
1
१६१३. रत्नत्रय पूजा
२७७
देखे १० १६१२ ।
दनिदर्शनम्पूति
इति श्री नवयपूजा समाप्तम् ।
१९१४ रत्नत्रय - पूजा
मुक्ति ॥६॥
देखें ऋ० १९१२ |
सम्यक दरशन शाण व्रत शिवमग तीनो मई ।
पार उतारण जान धानत पूजोत सहित ॥१०॥
इति समुच्चय पूजा जी समाप्तम् ।