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श्री जैन सिद्धान्त भवन ग्रन्थावली
Shri Devakumar Jain Oriental library, Jain Siddhant Bhavan, Arrah
Colophon:
इति णिणि पूजा समाप्तम् ।
देखे, दि० जि० ग्र० र०, पृ० १८२ ।
१८४३. निर्वाण-पूजा
सवसाहूण ॥१॥
Opening .
Closing : Colophoni
ॐ जय जय जय - - - देखे, ऋ० १८४१ । इति निर्वाण पूजा जी समाप्तम् ।
१८४४ निर्वाण-पूजा
Opening ।
Closing !
ॐ जय जय जय । णमोस्तु णमोस्तु णमोस्तु । ... ... . णमो लोए सव्वसाहणं ॥१॥ कहे कहाली तुम सब जानो, द्यानत की अभिलाष प्रमानो। करो आरता वर्तमान की पावापुर निर्वाण थान की ॥७॥ इति आरती सपूर्णम् ।
Colophon:
१८४५. निर्वाण-पूजा
Opening : देखे, ऋ० १८४३ । Closing ! देखे, ऋ० १८४१ । Colophon । । इति निर्वाण पूजा।
१८४६. निर्वाण-पूजाः
Opening ! Closing :
देखे, ऋ० १९४३ । सवत् सत्रह से इकताल, आसिन सुदि दसमी सुविशाल । भैया वदन कर त्रिकाल, जय निर्वान काण्ड गुनमाल ।