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Catalogue of Sanskrit, Prakrit, Apabhramsa & Hindi Manuscrridos
(Stotra)
१४६८. जिनसह त्रिनाम
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Colophon
पच परम गुरु को नमो उरधरि परम सु प्रीति । तीरथराज जिनंद जी चौवीसो धरि चित। सिखिरचंद कृत पाठ यह, वन्यो अनुपम रास । जो पढसी मन लायके, पासी सौख्य सुवास ।। इति श्री जिनसहस्रनाम पूजा पाठ भाषा सम्पूर्णम् । शुभमस्तु । मकरमासे शुक्लपक्षे तिथी-२ चद्रवासरे " ... । सूवा औधदेश मुल्क हिन्दुस्तान में प्रसिद्ध जिला है नवावगज
वाराबकी नाम है। टिकइत नगर सुथाना डाकखाना जानो तासु डिग पूरब सरैयाँ.
भलो ग्राम है। वास स्थान लेखक सु भगवान दीन नाम अजल के स्ववम
____ आयो यहि ठाम है। भोज नप देश जिले शाहाबाद आरा नग्न राय जी वुलाकचद
मदिर मुकाम है ॥१॥ श्री सहस्रनाम पाठ जी को चढाया श्री चद्रप्रभु स्वामी जी के मदिल मे व्रत उद्यापन का मुसम्मात .." कुअर भार्या चाबू रामा प्रमाद अग्रवाल श्रावक दिगम्वर आन्नाय धारक भारामपुर नग्रनिवासी मिति भादौ सुदी ८ सवत् १९५६ ।
१४६६. जिनेन्द्रदर्शन सतोत्र
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देखे, ऋ० १४४० । जन्मजन्मकृत पाप जन्मकोटिसमजितम् । जन्ममृत्युजरान्तक हन्यते जिनदर्शनात् ।।१४i