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Catalogue of Sanskrit, Prakrit, Apabhramsa & Hindi Manuscripts (Dharma - Darśana ācara )
नही है ।
१२१८. त्रेपनक्रिया
Colophon :
Opening :
Closing :
विशेष----
Opening:
Closing :
Colophon
Opening
Closing :
Colophon
Opening
अस्पष्ट ।
अस्पष्ट |
यह ग्रथ एक गुटका है जो बहुत ही अस्पष्ट है ।
भी अपठनीय है।
१२१६. त्रेपन क्रिया
जय जय जय नमोस्तु नमोस्तु णमोस्तु |
सव्वसाहूण |
अस्पस्ट |
अस्पष्ट ।
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बीच के पत्र
१२२०. त्रिकाल चतुर्विंशति
निर्वाण जो 191 सागरजी |२| महामात्र जी 131 विम्ल प्रभु जी |४| सुद्धाय हो |५| श्रीधर जी | ६ | श्रीदत्त जी ।७। अमलप्रभ जो 15t
1
कदर्प जी | २०| जयनाथ जी | २१ | श्री विमल जी । २२ दिन्यवाद जी | २३ | अनतवीर्यजी |२६|
इति त्रिकाल चविशति का नाम सवर्णम् ।
१२२१. त्रिवर्णाचार
लोक्ययात्रा चरितु' प्रवीणा धर्मार्थकामा प्रभवति यस्या । प्रसादतो वर्त्तत एव लोके मारस्वति सा वर तत्मनोद्व े ||१||