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श्री जैन सिद्धान्त भवन प्रत्यावली Shri Devulumar Jain Oriental Library, Jain Siddhant Bhavan, Arlid
..६४२. सम्मेदशिखर पूजा Opening
सिद्धक्षेत्र तीरथ परम, है उत्कृष्ट सुथान । ..
सिखसम्मेद सदा नमो, होय पाप की हानि ।। Closing : सिविर सु पूजे-सदा जो मनवचतन चिनलाइ ।
दास जवाहिर यो कहीं, जो शिवपुर को जाइ । Colophon: इति श्री सम्मेदशिखरपूजा भाषा सपूर्णम् ।
..६४३, सम्मेद शिखर पूजा
Opening :
__ Closing :
परमपूज्य जिन वीस जहां ने शिव लये। . . . औरह वहुन मुनीश शिवाले सुखमये ।। " " , इत्यादि धनी महिमा अपार ।
प्रणमो: सीसधार।। । इति । ६४४. सरस्वती पूजा
Colophon:
Opening: मायातीत मयक मम, हरन ताप ममार ।
__ ऐसे जिन पद कमलप्रति, नमूटरन भवभार । Closing :... देखें, ऋ० ६४५ Colophon: .. इति सरस्वती पूजन समाप्तम् ।
१४५, सरस्वती पूजा Opening : देखें, ऋ० ६४४ । Closing, मंगलकारक.श्रीअरहत । सिद्ध चिदातम सूरिभर्नत ..
। पाठक सर्व साधागुणवत । सुमरि भव्य शिव सौख्य'लहत ।। Colophon . "इति सरस्वती पूजा समाप्तम्। संवत् . १९६२ शक ११२७
लि.५० सीताराम स्वकरण। . ६४६, सप्तषि पूजा ... Opening. विंशतीर्थकर वदे जिनेश मुनिसुव्रतम् ।
* सप्तचापिमुनीन्द्राणा पूजवः सुशातये ॥