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श्री जैन सिद्धान्त भवन ग्रन्थावली Shri Devakumar Jain Oriental Library, Jain Siddhant Bhavan, Arrah
Closing | Colophon
देखें, ऋ0 ६०७ ।
इति श्री मानतुङ्गाचार्यविरचित भक्तामरस्तोत्र सपूर्णम् ।
६१३. भक्तामरस्तोत्र
Opening ! देखें, क्र0 ६०७ । Closing: ... " "मत्र का थोडा थोडा फल विध सुय लिखा
ऐसा जानना। Colophon: इति श्री भक्तामरनामा श्री आदिनाथ स्वामी का स्तोत्र श्री
मानतु गाचार्यविरचित समाप्तम् ।
६१४. भक्तामर स्तोत्र
Opening I Closing :
देखे, क्र0 ६०७ !
भाषा भक्तामर कियो हेमराज हितहेत ।
जे नर पढे सुभाव सो ते पावं सिवषेत ।।४।। इति श्री भक्तामर सस्कृतभाषा समाप्तम् । ६१५. भक्तामर स्तोत्र
Colophoni
Opening , देखे, 30 ६०७
Closing : देखे, 20 ६०७ । Colophon) इति मानतुङ्गाचार्यविरिचित भक्तामर आदिनाथस्तोत्र
'संपूर्णम् ।
६१६. भक्तामर स्तोत्र
Opening
Closing! Colophon!
देखें, 90 ६०७ । देखे, क्र0 ६०७ ।
इति भक्तामरसस्कृतसमाप्तम् । ६१७. भक्तामर स्तोत्र सटीक देखें ऋ० ६०७ ।
Opening !