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१०७ Cotalogue of Sanskrit, Prakrit, Apabhraigha & Hindi Manuscripts
( Dharma, Darsana, Acara )
२८७. गि-यात्व खंउन नाटक
Opening
Closing: Colophon
देखें - म० २८५।
-~-० २८५। :निगेमियात
नाटक मापूर्ण ।
२८. मोक्षमान प्रकारक
Opening
माना मगमग मीनाग विमान । गनी ना जाने भये अनादि मान ।।
गि जिनमर्ग विना धर्मात्माजीयनि विगं परिणीगि भारगी पालन्यौपाठ जगनाननं ।
Cloring
Colophon:
नती
।
२८६. मोक्षमार्ग प्रकाशक
Opening Closing .
गे-१० २८८। ... .. मो परलोक के पियोगे, ग्मरण
पार है पिष्ट विचार हाय मकाता नाही। इति श्री मोक्षमार्ग प्रकाशजी स पूर्ण ।
Colophon .
२९०. मृत्यु महोत्सव
Opening
मृत्युमार्गोप्रवृत्तस्य वीतरागो ददातु मे ।
ममाधि योधिपाथेय यावन्मुक्ति पुरीपुरः ॥ Closing : उगणी अठारा सुकल पचमि मास असाढ ।
पूरण लखी वाचो सदा मनधारि सम्यक् गाढ ।। Colophon • इति श्री मृत्यु महोत्सव पाठ वचनिका समाप्ता। लिखत
विरामण सियाराम वासी नग्न लिझमणगढ का। मिति पो (प) सुदी २ सवत् १९४४ ।