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तृतियभाग
(१५१)
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श्री जैन नाटकीय रामायणा
तृतिय भाग
अंक प्रथम-दृश्य प्रथम
स्थान--स्वयंबर
( सब राजा लोग बैठे हुवे हैं। बीच में शुभ मती केकर्ड का पिता बैठा है। परियां आती हैं।
गाती.हुई और नाचता हुई)
गाना
गावो मंगल मनाओ महेश से हां स्वयंवर है सखी, सुकुमारी का। शुभ मती अरु पृथू की दुलारी का ॥
आये राजा सभी देश देश से हां शोभते हैं मुकुट शीश रत्नों के।