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________________ ( ४७ ) अनुमोटू नहीं मनमा, करू नहीं कराऊ नहीं अनु. मोटू नहीं बायसा, कायसा। मांक ३२ बत्तौसको भांगा ३ तौन :- . ., तीन 'करण दोय जोगसें, करू नहीं कगऊ नहीं अनुमोटू नहीं मनसा बायसा, करू नहीं कराऊं नहीं अनुमोटू नहीं मनसा कायसा, कर नहीं कराऊ नहीं अनुमोटू नहीं बायसा कायसा । आंक ३३ तेतीसको भांगी १ एक :---- तीन करण तीन जोगसें, करू नहीं कराऊनहीं अनुमोटू नहीं मनसा बायसा कायसा। . . २५ पचीसमें बोले चारित्र पांच :-' :, :. • “सामायक चारित्र १ छेदोपस्थापनीय चारित २ । “पडिहार विशुद्ध चारित्र.३ सूक्ष्म सांपराय चारित्र • ४ यथाक्षात चारित्र ५.. . . इति पञ्चीस बोल सम्पूर्णम् ॥ .
SR No.010500
Book TitleJain Hit Shiksha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
PublisherKumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
Publication Year1925
Total Pages243
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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