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{ १५५ । , हया ' पत्तिया लेसिया संघाइया संघ आताहण्यां धूलसे रगड़या छातन कसा । संघट
बरती करी ढक्यां - ट्टिया परियाविया किलामिया उद्दविया किया परिताप्या कीलामना उपजाई उपद्रव किया ठागा उठाणं संकासिया जीवियानो वव एक स्थानसे दूसरे स्थान । पटक्या जीवत से
रोविया , तस्समिच्छामि दुक्कई ॥ १ ॥ नासकिया बेदनो मिच्छामि दुबलं ।
करो
॥ अथ तस्सुत्तरी ॥ सम्सउत्तरी करणोणं पायच्छित करणे तेहनो उत्तर फरवो प्रायश्चित्त
प्रधान विसोहो करोणं बिसलो करणणं
विशुद्धि करको सल्य रहित करो पावागं कमाणं निग्धाय
सट्टाए पाप कर्मका नास करवा
निमित्त ठामि करीमि काउसग्ग
अन्नत्य रिधर फरूं.छं काय उत्सर्ग इण मुजब
एतलो विशेष अससिएणं नौससिएगा . खासिएगा छौएगा अचास्वास नीचास्वास. खांसी
कीक