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________________ । १४६ ) - प्रश्न उत्तर । सन्नी के असन्नी । दोनें ही प्रकार का छै छिमो छिमके मन नहीं, गर्भेज के मन छ सूक्ष्म के बादर बादर छ, नेत्रसे देखवा मे आवे छे प्रस के स्थावर प्रस छै हालै चाल छै १ एकेन्द्रौ मे बेद कितना पावै एक नपुंसक बेद पावै। २ पृथ्वी पागी बनस्पति अग्नि बायगे यां पांचां में __ बेद कितना पावै ---१ एक नवंसक हो छ। ३ बेइन्द्री तेइन्द्रौ चोंडून्दी मे बेद कितना पावै एक नपुंसक बेद हो पाव है। ४ पंचेन्द्रीमे बेद कितना पावै-सन्नी में तो तीनों हो बेद पावे है, असन्नौमे एक नवंसक बेदही है। ५ मनुष्यमें बेद कितना पावै-अमन्नौ मनुष्य चौदे थानक मे उपजे जीणां मे तो वेद ऐक नपंसक हो पावै के, सन्नी मनुष्य गर्भमे उपजे जिणांम बेद तीनोंही पावै छ। ६ नारकी में बेद कितना पावै--एक नपुंसक बेद हो पावै छै। ७ जलचर थलचर उरपर भुजपर खेचर यां पांच प्रकार का तिर्यंचा मे बैद कितना पावै-छिमो
SR No.010500
Book TitleJain Hit Shiksha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
PublisherKumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
Publication Year1925
Total Pages243
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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