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________________ (१४० ) ११ गुणरयान किलो पावे-व्यवहारधी पांचम, साधु __ने पूछ तो छट्ठो। १२ विषय कितनौ पाव-२३ तेवीस । १३ सिथ्यात्वनां दश बोल पावै को नहीं, व्यवहारथी नही पावै। . १४ नौवका चौदा भेदासें से किसो भेद पामे, १ एका चोदमं पर्याप्तो सन्नी पंचेन्द्रों को पावै । १५ घातमां कितनी मावै श्रावको तो ७ सात पावै ___भने साधु मे आठ आवै। १६ दण्डक किसों पावै-एक इकबीसमु। । १७ लेस्या कितनी पावै–६ छ । १८ दृष्टी कितनी पावै-व्यवहारथी एक; सम्यक दृष्टी पावे। १६ ध्यान कितना पादै-३ तीन, शुक्ल ध्यान टालके । २० छबद्रव्यमें किसा द्रव्य पावै-~-१ एक जीव द्रव्य । २१ राशि किसो पावै--एक जीव गधि । २२ श्रावक का वारा व्रत श्रावक में पावै । २३ साधुका पञ्च महाव्रत पावै वो नहीं-साधु में पाचे श्रावक में पाये नहीं। २४ पांव चारित्व थावका में पावै के नहीं, नहीं पाये, एक देश चारित पावै ।
SR No.010500
Book TitleJain Hit Shiksha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
PublisherKumbhkaran Tikamchand Chopda Bikaner
Publication Year1925
Total Pages243
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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