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ek.जैन-गौरव-स्मृतियां
है कुछ भी हो, यह निर्विवाद है कि प्राचीनतम काल से जैनधर्म चला
आ रहा है और वह किसी दूसरे धर्म की शाखा नहीं है। वह सर्वथा स्वतंत्र, मौलिक, प्राचीन और वैज्ञानिक धर्म है । जैनधर्म के सम्बन्ध में पुरातत्वज्ञ विद्वानों का ध्यान आकर्षित हुआ है, इससे पहले भी कई भ्रान्त धारणाओं का संशोधत हुआ है। आगे के अत्वेषणों द्वारा जैनधर्म के प्राचीन इतिहास पर विशेष प्रकाश पड़ेगा और विश्व जैनधर्म के अतीत गौरव के भव्य स्वरूप का अनुभव कर सकेगा।