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जैन-गौरव-स्मृतियाँ
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Amirmirmanand
सेठ फूलचन्दजी वैद मूथा लश्कर
(परिचय पृष्ठ ६५२ पर)
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* श्री सेठ रतनलालजी नाहर-बरेली (भोपाल)
आप धार्मिक उदार दिल एवं शिक्षा.प्रेमी सज्जन हैं। पूज्य श्री १००८ हरती मलजी म. सा. के परम अनुयायी श्रावक हैं। आप कई जैन एवं अजैन संस्थाओं
को दान देकरचला रहे हैं । जैन गुरुकुल व्या वर व श्री जैन ज्ञान सागर पाठशाला किशन गढ़ के विकास में आपका बहुत बड़ा हाथ रहा हैं । आप धार्मिक कार्य परम्परा का आदर्श रूप से पालन करते आ रहे हैं। आदर्श . श्रावक है। .
.. २५ वर्षों से खादी पहनते आ रहे हैं। . भोपाल राज्य के विलीनी करण आन्दोलन में . सबसे पहले लगान बन्दी की आवाज आपने उठाई अतः सामन्त शाही ने आपको जेल में डाल दिया परन्तु विलीनीकरण · हो जाने के बाद आपके छूटने पर जनता ने अपूर्व व भव्य स्वागत के द्वारा अपने नेता का स्वागत किया। आपका जीवन बहुत सादा एवं अनु
करणीय है। आपके ४ पुत्र हैं। बड़े पुत्र श्री माणिकलालजी ने एम. एस. सी. करके एल एल. बी. कर रहे है। इनसे छोटे मोतीलालजी बी.ए. में अध्ययन कर रहे हैं। श्री जवाहरलालजी .
KOKHAR
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