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जैन-गौरव-स्मृतियाँ
*श्री सौभाग्यचन्दजी सिंघी, सिरोही:---... .....................!
सौम्य प्रकृतिक रचनात्मक कार्यकर्ताओं में अग्रणी राजस्थान के एक प्रसिद्ध कार्यकर्ता । सिरोही पत्रिका के सम्पादक । राजपूताना प्रान्तीय काँग्रेस कमेटी के सदस्य । सिरोही नगर के प्रमुख कार्यकर्ता व सिरोही जिले के प्रतिष्ठित व्यक्ति । राष्ट्रीय कार्यकर्त्ता होने के साथ साथ धार्मिक व सामाजिक कार्यों के प्रति भी पूर्ण दिलचस्पी। . .
★सेठ नारायणदासजी लोढा अजमेर
आप एक क्रान्तिकारी सुधारवादी विचारों के सज्जन हैं । अजमेर के गोटा . व्यवसाइयों में आपका प्रनुख स्थान है। आपका मूल निवास स्थान खोहरी जि... गुड़गाँज है। बादमें अलवर और सन् १६३३ से आपः अजमेर में ही रह रहे । हैं। तीव्र बुद्धि से काफी पैसा कमाया। सरवाड़ और अजमेर में गोटे के कारखाने व व्यवसाय बड़े पैमाने पर है।
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जन हित के कार्यों में उदार दिल से
सहायता करते हैं। . . . . . . . * राय बहादुर सेठ कुन्दनमलजी लालचन्दजी कोठारी, ब्यावरः ...
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च्यावर में यह फर्म ७५ वर्षो से स्थापित है ! राय बहादुर सेठ कुन्दनसलजी: ने इस फर्म को काफी उन्नति पर पहुँचाया । आपके द्वारा ही विलायत से सर्व प्रथम . यहां के ऊन का डायरेक्टर व्यवसाय शुरू हुआ। आपको भारत सरकार ने सन १६२७ में राय बहादुर की पदवी से सम्मानित किया । आपके द्वारा अपनी मिल के मुनाफे का एक बहुत बडा हिरसा शुभ कार्यों में लगाया गया व आप सदा धार्मिक कार्यों में अपनी पूजी को लगाने में आगे रहे। आपने स्वयं अपने यहां तो. घों का व्यवहार बन्द रखा साथ ही और भी देशी मिलों को ऐसा ध्यान रखने की
प्रेरणा की। ऊन के व्यवसाय में भी आपने कुछ नये प्रयोग किए और सफलता :.. पान की।