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जैन-गौरव-स्मृतियां
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'स्वल्पायु में ही अच्छी सफलता प्राप्त की। आपके बुधमलजी, चम्पालालजी, तारों चन्दजी एवं माणक चन्दजी नामक चार छोटे भाई है । वुधमलजी के चैन रुपजी नामक पुत्र है । चम्पालालजी के जगतसिंह एवं विमल सिंह नामक दो पुत्र हैं तारा चन्दजी के कुन्दनसिंह एवं रमेशकुमार ये दो पुत्र है । माणकचन्दजी अभी १७ वर्षे के हैं और अध्यन कर रहे हैं। आप पांचों बन्धु मिलनसार, समाजप्रेमी एवं उदार सज्जन है। श्री मंगलचन्दजी व्यवसाय चतुर दानशील एवं धर्म निष्ठ सज्जन हैं धार्मिक कार्यों में इस परिवार का व्यक्तिगत रुससे प्रमुख हाथ रहता है एवं प्रत्येक संस्थाओं में समभाव से आर्थिक सहायता देते रहते हैं । धनराज मंगलचन्द सेठिया के नाम से नूरमल लोहिया लेन पर कपड़े का बड़े पैमाने पर व्यापार है। ★सेठ पूनमचंदजी वैद-रतनगढ़ (बीकानेर) ... आप धार्मिक, शिक्षा प्रेमी और जन सेवा के कार्यों में अग्रसर रहने वाले ६६ वर्षीय जन सेवक है । स्कूलों एवं विधवा श्रमों में समय २ पर सहायता देते रहते हैं। आपकी ओर से स्थानीय नगर में एक धर्मार्थ होम्योपैथिक डिस्पेन्सरी भी है । एकां एक बड़ा धमार्थ दृश्ट बना रक्खा है जो जन सेवा के कार्य में पूर्ण रूप से संलग्न है । पिताजी का नाम जयचन्द लालजी।
पूनमचन्दजी के रिखवचन्दजी एक दौलतरामजी नामक दो भाई हैं जो अपने व्यवसाय में सलग्न हैं।
"मानिक चन्द तारा चंद" नामक फर्म नं० १६ फेनिङ्ग स्ट्रीट कलकत्ता पर है। यहां वस्त्र एवं सालिग का काम होता है।
सेंट पूनमचंदजी वेद रतनगढ़ *सेठ हीरालालजी आंचलिया व रतनगढ़ (बीकानेर)
श्री संठ चुन्नीलालजी के यहाँ श्री हीरालालजी गोद आये। आयु ५६ वर्ष।
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