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___ जैन-गौरव-स्मृतियाँ
★सेठ फतहेचंदजी कोठारी, चुरू . . तोतारी कर
. ..* आप सुप्रसिद्ध सेठ चम्पालालजी कोठारी के सुपुत्र है । जन्म सं. १९६७
कार्तिक वद १ । आप एक प्रतिभा सम्पन्न • लोकप्रिय व्यक्ति हैं । म्युनिसिपल बोर्ड
चुरु के मेम्बर, यति ऋद्धकरणजी ट्रस्ट फंड के सभापति हैं तथा पारक बैंक लि. के . डायरेक्टर हैं। ___आपका व्यवसाय काफी विशाल पैमाने पर है । ११ आरमेंनियम स्ट्रीट कलकत्ता पर आपकी ३ फर्मे हजारीमल सरदारमल . कोठारी, चम्पालाल कोठारी तथा चम्पालल फतेहचंद कोठारी के नामसे है। चुरु में मूलचंद चम्पालाल . लेहनाबाद ('हिसार ) में चम्पालाल फतेहचंद तथा गंगानगर में विजयसिंह कोठारी के नामसे आपकी )
श्री फतेचन्दजी कोठारी चुरु ... आपके २ पुत्र हैं-बजरंगलालजी उम्र १५ वर्प तथा कमलसिंहजी उम्र ८ वर्ष । दोनों पढ़ रहे हैं। * सेठ विरदीचंदजी रिद्धकरणजी सुराणा, चुरु (बीकानेर)
चुरू निवाली सेठ रिद्ध करणी एक सफल व्यापारी एवं धर्न निष्ट सज्जन हो चुके हैं । आपके पुत्र श्री चन्दजी सुराणा एवं हुक्मचन्दजी सुराणा वर्तमान में आपके व्यापार का सञ्चालन कर रहे है ! श्रीचन्दजी के पुत्र श्री जीतमलजी हैं एवं हुक्मी चन्दजी के लूणकरणजी नामक एक पुत्र हैं। सेठ श्रीचन्दजी मुराणा धर्म निष्ट एवं एदार हृदय परोपकारी महानुभाव हैं। स्थानीय जैन श्वेताम्बर तेरा पन्थी विद्यालय के सभापति हैं । कलकत्ता के मारवाड़ी अस्पताल में आप.की ओर से अच्छी आर्थिक सहायता प्रदान की गई है । समय २ पर अन्य संस्थाओं को भी अच्छी सहायता मिलती रहती है । "बिरदी चन्द रिद्ध .. करण" के नाम से ८७ अोल्ड चीना बाजार कलकत्ते में कपड़े का बृहद रूपसे थोक .. बन्ध व्यापार हैं। *सेठ मंगलचंदजी सेठिया चुरू(बीकानेर) . . .
- सेठ धनराजजी सेठिया के यहां सं० १६६० वैशाख सुद २ को श्रापका ...जन्म हुआ। बाल्य काल ही से प्रतिभा शाली एवं उद्योगी परिश्रम शील थे अतः