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________________ ७८८ 'बम्बई अहाता। चारों सड़कोंके मेलपर एक छोटा चौखूटा बंगला है, उत्तरवाली सड़कके बगलोंमें, पहिले सयाजीरावका बनवाया हुआ पुराना 'राजमहल' लोगोंके भारी भारी मकान और दूकाने हैं। राममहल-शहर पनाहके भीतर उत्तरवाली सड़कके दोनों बगलोंमें, पहिले सयाजीरावका बनवाया हुआ 'तीनमंजिला, बड़े विस्तार का राजमहल है । 'नजरबागका महल'-राजमहलमें 'नजरबाग' नामक बगीचा है, नजर बागमें मृत महाराज 'मल्हारराव' का बनवाया हुआ चौमंजिला महल है, इस महलमें महाराजके तीन करोड़ रुपयेकी लागतसे अधिक जवाहिरात और भूषण रक्खे हुये हैं। भूषणोंमें पांचसे बड़े बड़े हीरोंका 'कंठा और ३० लाख रुपयोंकी लागतका मोतियोंका गलीचा प्रशंसनीय है। ऊपरका मंजिल राजशाही ठाटसे सजा हुआ है, महल अर्जी देनेपर देख सकते हैं। 'सोने और चांदीकी' तोपें-नजरबागसे दक्षिणकी ओर थोड़ी दूरपर एक अस्तबल के मकानमें दो सोनेकी दो चांदीकी तोपें गाड़ियोंपर रक्खी हैं। 'अखाड़ा'-नजरबागसे पीछे शहरके पूर्ववाले फाटकके पास अखाड़ा है, इसमें हाथी, गेंडे, असे, भेंडें, और पहलवान लड़ाये जाते हैं । 'हाथीखाना'-चम्पानीर फाटकसे उत्तर, उत्तरकी शहर तलीमें हाथीखाना है, इसमें पहले सौ हाथी रहते थे, परन्तु अब थोडे हैं । 'तालाब'-चम्पानीर फाटकसे थोड़ी दूरशहरपनाहके बाहर 'शेरशाह' नामक तालाब लड़ीपुरा फाटकके पास 'सुरसागर' तालाब है । 'लक्ष्मीविलासमहल'-शहरसे पश्चिम एक बड़े मैदानमे बर्तमान बड़ौदानरेशका लक्ष्मीविलास नामक राजमहल है। महाराजने २७ लाख रुपयेके खर्चसे इस महलको बनवाया है । महलके बीचका भाग ११ मंजिलका और चारों ओरके भाग तीन मंजिल के है । महलसे ५० गज उत्तर बावड़ीकी शकलका 'नवलखा' कुआ है, इसका पानी नल द्वारा मोतीवाग नजरबाग और दूसरे स्थानोंमें पहुंचाया जाता है । महलके मैदान के पूर्व बगलमें सड़क पासकी दुमंजिली तिमंजिली इमारतोंमें महाराजके न्यायविभागकी कचहरियां और दफ्तर हैं। इसके सिवाय शहर तलीसे पश्चिम और दक्षिणकी तरफके बंगले महाराजके सुन्दर बाग, शहर तलियों में जेलखाना, सर्कारी आफिस, हाईस्कूल, यमुनाबाई अस्पताल
SR No.010495
Book TitleBharatvarshiya Jain Digambar Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakurdas Bhagavandas Johari
PublisherThakurdas Bhagavandas Johari
Publication Year1914
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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