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________________ ७५० बम्बई अहाता। श्रीक्षेत्र कुम्भोज। यह क्षेत्र कोल्हापुर रियासतमें हातकलंगड़ा ( कोल्हापुर स्टेट रेलवे ) स्टेशनसे करीब ४ मील वाहव्य कोनकी ओर है । स्टेशनसे तीन मील तक रास्तां अच्छा है, और आगे श्मील साधारण है। स्टेशनपर गाड़ी घोड़ा बैल गाड़ी आदि कुम्भोज पहाड़की तलेटी. तक हमेशा १॥) या २) किरायेपर यात्रियोंको मिलती है । कुम्भोज ग्राममें दिगम्बर जैनियोंकी गृह संख्या ३१३ और मनुष्य संख्या करीब १०१९ है । दिगम्बर जैन मन्दिर १ शिखरबन्द और १ बैत्यालय है। "ग्रामके पास पहाड़पर दिगम्बर जैन मन्दिर पांच हैं। तेलेटीसे उपर जानेके लिये सीढ़ियां बनी हैं। पर्वत बन्दना-पहाड़पर चढ़नेसे पहिले ब्रह्मायक्षका मन्दिर आता है, जिसमें ब्रह्मदेवकी पत्थरकी विशाल मूर्ति करीब ५ फुट ऊँची है। इसी मन्दिरसे दक्षिणमें ३ फलाँगकी दूरीपर एक सोलह खम्भोंका प्राचीन शिल्पकलायुक्त पाषाणका मन्दिर है। जिसमें श्रीबाहुबलि स्वामीकी चरणपादुका विराजमान हैं इसी कारण यह क्षेत्र बाहुबलि स्वामीके नामसे प्रसिद्ध है । इस मन्दिरके पास एक और छोटा मन्दिर और धर्मशाला है। मन्दिरमें प्रतिमा नहीं है । धर्मशालामें ५००० आदमी ठहर सकते हैं । यहाँसे पश्चिमकी ओर ४ फलागपर तीन शिखरबन्द मन्दिर पाषाणके बने हुए हैं, जिनमें अनुक्रमसे श्री - आदिनाथ स्वामी और श्रीवर्द्धमान स्वामी, श्री शांतिनाथ स्वामीकी प्रतिमा पाषाणकी बिराजमान हैं । मन्दिरोंके साम्हने यक्ष-और- यक्षिणीकी मूर्तियां तथा मानस्थंभ है । इसके. दक्षिणमें एक बड़ा भारी कुण्ड है जो वर्षाऋतुमें भर जाता है । इसका जल यात्री तथा मुजारियोंके काममें आता है। इसके पास एक छोटीसीधर्मशाला जीर्णावस्थामें पाई जाती है। थोड़े ही दूरपर १ सहस्रकूट चैत्यालय है, जिसमें श्रीबाहुबलि (गोमट स्वामी) स्वामी की प्रतिमा खण्डित विराजमान है। प्रतिमापर "शके १०७८ नल नाम संवत्सरे वैशाख सुदी १० बुधवार श्रुतसागर विचारपर" ऐसा लिखा है । प्रत्येक मासकी अमावस्याको यहॉपर मेला भरता है, बड़ा मेला आश्विन बदी अमास्या और पौष वदी ३० को होता है। कहते हैं कि शके १७७८ से मेला भरता चला आता है । मेला एक दिन रहता है। हर सालमें करीब पांच हजार यात्री आया जाया करते हैं। इसका प्रबन्ध पंचायतकी तरफसे मुनीम "भाऊ गोंडा दादा पाटील" द्वारा होता है। मन्दिरके सुप्रबन्धक लिये २० एकड़ गठे जमीन लोंगोंने समर्पण की है।
SR No.010495
Book TitleBharatvarshiya Jain Digambar Directory
Original Sutra AuthorN/A
AuthorThakurdas Bhagavandas Johari
PublisherThakurdas Bhagavandas Johari
Publication Year1914
Total Pages446
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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