________________
३२३
मध्यप्रदेश। सुकडवाडी नामसे प्रसिद्ध हैं। जिसमें ४० के अनुमान धर्मशास्त्र हैं उनमेंसे एक मन्दिरजीम एक पुरानी प्रतिमा विराजमान है जिसके नीचे इ. स. १४९१ खुदा है । कहते हैं कि यह प्रतिमाजी चवनीसे लाई गई है यहांपर १ पाठशाला है । और यात्रिओंके लिये एक धर्मशाला वनी है । और एक तालाव है, जो सिवनीबन्ध नामसे प्रसिद्ध है उसके किनारे कई अच्छे २ मन्दिर बने हुए हैं । व्यापार हरप्रकारका होता है।
हटा।
हटा तहसीलका सदर मुकाम है । यह कसबा दमोहके २४ मील उत्तरकी सोनार नदीके दाहिने किनारे पर पुराना और धनवान नगर है। १७०० सदीका बनाया हुआ बुन्देलोंका एक किला उजाड़ पड़ा है जिसमें रंगमहलकी इमारत अच्छी हैं । नदीमें घाट उत्तम और पक्के हैं जिनपर कई मन्दिर व देवस्थान बने हैं।
- इस ग्रामका हटा नाम पडनेका कारण इसको गोंड राजा हट्टेने इ० स० ११७७ वीसदीमें वसायाथा । यहांकी लोकसंख्या करीब ५८०० है जिसमें जैन दिगम्बर आम्नायकी १७८ है, गृह ३२ और तीन शिखरवन्द मन्दिरजी हैं जिसमें करीव ८७धर्मशास्त्र हैं और भी दो चैत्यालय और दो धर्मशाला हैं। ___यहांपर सरकारी मकान, तहसीलकी कचहरी, पोलिस स्टेशन, अस्पताल, डाकघर सराय और एक अच्छा सरकारी स्कूल है । सप्ताहमें दोबार बाजार लगता है। फूलके कटोरे और कांसे पीतलके वर्तनकी उत्तमताके लिये यह कसबा प्रसिद्ध है। देशी सूती साडियां यहांपर वनवाकर व्यापारी और २ जगहको ले जाते हैं । और यहां घीकी वडी मण्डी है, जिसे दुकानदार लोग खरीद २ कर कलकत्ता भेजते हैं।
हरदा।
यह नगर जिला हुशंगाबादमें अजनार नदीके किनारे रेलवे (G. I. P.) का खास स्टेशन है । और गेहूंके व्यापारकी बड़ी मण्डी है ।
यहांर दिगम्बर जैनियोंके गृह ५९ हैं जिसमें खंडेलवाल, समैया, लमेचूआदिकी लोकसंख्या २५१ है । यहाँपर दिगम्बर आनायके ३ मन्दिरजी हैं जिनमें १०० के करीब धर्मशास्त्र हैं और मन्दिरजीके पास १ धर्मशाला भी बनी है।
४१-४२