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मध्यप्रदेशे। मलारा।
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यह कसबा सागरसे कानपुर जानेवाली सडकके किनारे रियासत पन्नाकी तहसीलका सदर मुकाम है जिसका निकटवर्ति स्टेशन (G. I. P. Ry.) हरपालपुर और बिजावर है। यहांसे होकर "श्रीसिद्धक्षेत्र द्रोणागिरजी" को जाते हैं । यहांसे उक्त क्षेत्र ७ मील हैं। गाडीका रास्ता सुगम है। यहां दिगम्बर जैनियोंके गृह सिर्फ ११ तथा एक चैत्यालय है जिसमें ५२ मनुष्यसंख्या है । यहां सुन्नेलालजी संधी (गोलापूर्व जैन ) बहुत सुयोग्य पुरुष हैं। उनके मिलनेसे उक्त क्षेत्रके जानेवाले यात्रियोंको सवारी आदिका प्रबन्ध हो सक्ताहै। यहांपर सप्ताहिक बाजार भी भरता है जिसमें प्रायः परचूरण व्यापार हुआ करता है।
महाराजगंज।
- यह ग्राम पन्ना स्टेटमें मलारासे ५ मील पूर्वकी ओर है। रेलवे स्टेशन-हरपालपुर और बिजावर ) यहां दिगम्बर जैनियोंकी गृहसंख्या २१ है जिसमें मनुष्यसंख्या९१ है । १ शिखरबन्द मन्दिरजी और एक चैत्यालय भी हैं जिसमें १३ धर्मशास्त्र हैं।
यहांपर लोहेका व्यापार होता है। यहां एक सूरजशहा गोंडराजाके समयका किला है जिसके नीचे पहाड़की एक गुफामें बहुतसी जैन मूर्तियां खण्डित पड़ी हैं वहां महाराजगंजके श्रावक लोग दशलाक्षणी पर्वमें पूजन बन्दनार्थ जाते हैं । सूरजशा राजाके समयमें यहां उच्चपदस्थ कर्मचारी अधिकांश करके जैनीही थे।
मालेगांव।
-ORRORN यह ग्राम जिला अकोलासे जो सडक पूसदको गई है उसके बायें किनारेपर अकोलासे करीब३९ मीलके फासलेपर बसा हुआ है । इस ग्राममें महादेवका चाहन नादिया (बैल) देखने योग्य है । लोग कहते हैं कि, ऐसा नादियाकाशी (बनारस) तकमें नहीं हैं। सिरपुर आनेवाले भाईयोंको देवमनसा मंगासाजीसे मिलनेपर गाडी आदि भाड़े (किराये ) का सुभीता हो सक्ता है । सिरपुरजी यहांसे ६ मील है। यहांपर दिगम्बर जैनियोंके ३३ गृह हैं ओर मनुष्यसंख्या १७६ है । एक चैत्यालय भी उक्त आम्नायका है।