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________________ ((' '६१३: ), समकर्मादि प्रश्नोत्तरं धर्मशास्त्र को गहराई से अध्ययन करने वाले और साथ ही. विज्ञान के पारंगत. पंडितः हमारे यहाँ नहीं है । अतएव उन * 'सब शास्त्रीय बातों पर यथेष्ट वैज्ञानिक प्रकाश नहीं पड़ता । . लेश्याएँ छह हैं - (१) कृष्ण (२) नील (३) कापोत (४.) पतिः ( ५ ) पद्म और (६) शुक्ल । इनमें से जब कोई मनुष्य कृष्ण लेश्या को त्याग कर नील लेश्या में आता है, तबशास्त्रकारों के कथनानुसार वह कापोत. लेश्या की अपेक्षा अधिक अशुद्ध है, मगर कृष्ण लेश्या की अपेक्षा शुद्ध ही है । उसमें अपेक्षाकृत अधिक उदारता और शुभ विचार आ गये हैं । लेश्या के परिणामों की तरतमता समझाने के लिए, एक उदाहरण इस प्रकार है: ― * छह आदमी एक साथ जा रहे थे। उन्हें भूख लगी तो वे इधर-उधर दृष्टि दौड़ाने लगे । उन्हें एक फला हुआ श्रम, का वृक्ष दिखाई दिया। सबने श्रामं खाने का निश्चय किया । यहाँ तक सबके विचारों में समानता है, मगर आगे उनके विचारों में अन्तर पड़ जाता है। छहों में इस प्रकार वार्त्तालाप होने लगा । पहले ने कहा -- अपने पास कुल्हाड़ी भी है और अपन इतने आदमी हैं कि दो-दो हाथ मारते ही आम का पेड़ कट कर गिर जायगा । तब हम लोग मन चाहे श्राम खा लेगें । 7 थोड़े-से आम खाने हैं, मगर परम्परा तक. वृक्ष काट • गिराने से कितनी हानि होगी, इस बात का विचार इस आदमी को नहीं है । : दूसरे आदमी ने कहा- यह वृक्ष न जाने कितने दिन
SR No.010494
Book TitleBhagavati Sutra par Vyakhyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShobhachad Bharilla
PublisherSadhumargi Jain Shravak Mandal Ratlam
Publication Year1947
Total Pages364
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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