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श्रीभगवती सूत्र
[४०] प्रश्न-हे भगवन्! नारकियों द्वारा पहले आहारित पुद्गल चय को प्राप्त हुए ?
(प्रश्न ) ___ उत्तर-हे गौतम! जिस प्रकार परिणत . हुए, उसी प्रकार चय को प्राप्त हुए। उसी प्रकार, उपचय को प्राप्त हुए, उदीरणा को प्राप्त हुए, वेदन को प्राप्त हुए तथा निर्जरा को प्राप्त हुए । गाथा- परिणत, चित, उपचित, उदीरित, वेदित, और निर्जीर्ण, इस एक-एक पद में चार प्रकार के पुद्गल (प्रश्नोत्तर विषयक) होते हैं। .
व्याख्यान-नरक के आहार के संबंध में यहाँ चार प्रश्न और उठतें हैं। उनका श्राशय यह है..... (१) पूर्व काल में ग्रहण किये हुए या आहार किये हुए पुद्गल क्या शरीर रूप में परिणत हुए हैं ? . (२) भूतकाल में ग्रहण किये हुए तथा वर्तमान में ग्रहण किये जाने वाले पुद्गल शरीर में परिणत हुए हैं ? - .(३) भूतकाल में जिन पुद्गलों का.आहार नहीं किया, लेकिन भविष्यकाल में जिनका आहार किया जायगा, वे पुद्गल शरीर रूप में परिणत हुए? ". (४) जिन पुद्गलों का भूतकाल में आहार नहीं किया
और भविष्य में भी-आहार नहीं किया जायगा. वह पुदगल शरीर रूप में परिणत हुए?