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श्रवणवेल्गोल और दक्षिण के अन्य जैनतीर्थ
१२. तेरिन बस्ति ___यह मन्दिर ७० फुट लम्बा और २६ फुट चौडा है। इस मन्दिर के सन्मुख एक रथ (तेरु) के आकार की इमारत बनी हुई है। इसीसे इसका नाम तेरिन बस्ति पडा है । इसमे ५ फुट ऊची भगवान बाहुबली की मूर्ति है । सामने के रथाकार , मन्दिर पर चारो ओर ५२ जिनमूर्तिया खुदी हुई है। इसको नन्दीश्वर मन्दिर कहा जाता है। १३. शान्तीश्वर बस्ति
- यह मन्दिर ५६ फुट लम्बा और ३० फुट चौडा है । इसमे एक गर्भगृह, एक सुखनासि और एक नवरङ्ग है। यह मन्दिर ऊची भूमि पर बना हुआ है। गुम्मट पर अच्छी कारीगरी है। गर्भगृह के बाहर यक्ष-यक्षिणी की मूर्तिया है । पीछे की दीवार के मध्यभाग मे जो आला है, उसमे एक खड्गासन जिनमूर्ति उत्कीर्ण है। १४. कगे ब्रह्मदेव स्तम्भ
यह विशाल स्तम्भ चन्द्रगिरि पर्वत पर घेरे के दक्षिणी द्वार पर प्रतिष्ठित है। इसके शिखर पर पूर्वमुखी ब्रह्मदेव की छोटी-सी पद्मासन मूर्ति है। इसकी पीठिका आठो दिशाओ मे । आठ हस्तियो पर प्रतिष्ठित रही है, किन्तु अव थोडे-से ही हाथी रह गए है। १५. महानवमीमण्डप
कत्तले वस्ति के गर्भगृह के दक्षिण की ओर दो सुन्दर पूर्वमुख चतु.स्तम्भ मण्डप बने हुए है। दोनो के मध्य मे एक-एक लेखयुक्त स्तम्भ है। उत्तर की ओर के मण्डप के स्तम्भ