________________
२२
श्रवणवेल्गोल और दक्षिण के अन्य जैन-तीर्थ
इतिहास मे सदा इनका नाम स्वर्णाक्षरो मे लिखा जाकर अमर रहेगा। ये जैनो या दक्षिण भारत के ही नही, वरन् समस्त भारत के गौरव थे। हम इन पर जितना भी मान करे, इनसे जितनी भी शिक्षा प्राप्त करें, कम है।