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प्रकरण २२. ।। भव्य व अभव्य जीवों ।। (१) प्रश्नः जीव लोक में जितने हैं उतनेही रहते हैं या
उसमें धध घट होता है ? उत्तरः जीव अनादि काल से जितने हैं उतनेही
अनंत काल तक रहेंगे उसमें एकभी करती
बढती होगा नहीं. (२) प्रश्नः जीव के कितने मुख्य भेद है ?
उत्तरः दो. सिद्ध व संसारी. (३) प्रश्नः सिद्ध कितने हैं व संसारी कितने हैं ?
उत्तरः सिद्ध व संसारी दोनों अनंत हैं. (४) प्रश्नः क्या सिद्ध व संसारी दोनों बराबर है ? उत्तरः नहीं. सिद्ध से संसारी अनंत गुना अधिक
है (अनंत अनंत में भी अनंत भेद है. ) (५) प्रश्नः सिद्ध व संसारी जीवों की संख्या में वध
घट होती है ? उत्तरः हां वे संसारी जीव जैसे कर्म बंधन से मुक्त
होते जाते हैं वैसे २ सिद्ध होते हैं इससे
संसारी जीवों की संख्या घटती है. (६) प्रश्नः सिद्ध के जीव कभी संसारी होंगे या नहीं?
उत्तरः कभी नहीं. (७) प्रश्नः संसारी जीक सब सिद्ध हो जायंगे या नहीं? उत्तरः नहीं. संसारी जीवों में भव्य अभव्य ऐसे
दो भेद हैं जिसमें अभव्य जीवों को योन