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________________ (४८) (११) प्रश्नः दश जाति के भुवनपति देवों ने सर से ज्यादे बलवान व ऋद्धिवान कौन है ? उचर. असुर कुमार. . (१२) प्रश्नः भुवनपति में इन्द्र कितने हैं ? उत्तर. वीस. प्रत्येक जाति में उत्तर व दक्षिण - ऐसे दो दो इन्द्र हैं. . (१३) प्रश्नः जीव के ५६३ भेद में भुवनपति के कितने उत्तर. पचास [१० भुवनपत्ति ब १५ परमाधामी . मिल २५ भेद हुए २५ अपर्याप्ता व २५ पर्याप्ता मिल कर ५० भेद हुए. :१४ः प्रश्नः परमाधामी देवों भुवनपति के दश भेद में से कोन सा भेद में है. उत्तरः असुर कुमार में. (१५) प्रश्नः भुवन पति देव कुल कितने हैं ? . उत्तरः असंख्याता. . (१६) प्रश्नः भुवन पति में देवता ज्यादे या देवी ? उत्तरः देवी ज्यादा है, क्योंकि प्रत्येक देव को कम से कम चार चार देवी होती हैं. (१७) प्रश्नः भुवनपति देव मर के किस गति में जाता हैं ! उत्तरः दो गति में, मनुष्य व तिर्यंच, (१८) प्रश्नः अपन कभी भुवनपति देव हुये होंगे? उत्तरः हां. अनंतीवार देवताव देवी हुवे हैं.
SR No.010488
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year
Total Pages85
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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