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________________ (४६) । प्रकरण २१. : ॥ अधोलोक में भुवनवासी देवों ॥ ( १ ) प्रश्नः देवों को मुख्य कितनी जाति हैं व कोन कोन है ? उत्तरः चार. भुवनपति, वाणयंतर ज्योतिषी व वैमानिक. . (२) प्रश्नः लोक के तीन विभाग में से कोन से विभाग में देवों रहते हैं ? उत्तरः तीनों लोक में देवों रहते हैं, अधोलोक में भुवनपति रहते हैं, त्रीला लोक में वाण. व्यंतर व ज्योतिषी देव रहते हैं उर्ध्व लोक में वैमानिक देवों रहते हैं. (३) प्रश्नः भुवनपति देवों कितनी जाति के हैं ? उत्तर दश जाति के एक असुर कुमार २ नाग कुमार ३ सुवर्णकुमार ४ विज्जु कुमार ५ अग्नि कुमार ६ द्वीपकुमार ७ उदधि कुमार ८ दिशाकुमार ६ पवन कुमार १० स्थनित • कुमार. (४) प्रश्नः भुवनपति देवों अधोलोक में कहां २ रहते हैं? उत्तर पहली रत्नप्रभा नर्क में १३ पाथडे हैं व वारह अांतरे हैं ये बार प्रांतरां में से पाथडे:- जिस तरह से किसी हवेली में उपर नीचे बहुत माल होते हैं इसी तरह से नर्क में पाथड़ा उपर नीचे है प्रांतरा: दो पाथड़ा की बीच का अंतर के आंतरा करते हैं.
SR No.010488
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year
Total Pages85
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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