________________
(८५, उसंपर पूर्ण श्रद्धा रखने से आत्मा को ।
सम्यक्त्व की प्राप्ति होती है. (१९) प्रश्नः विरतिपन मायने क्या व उससे क्या लाभ ? उत्तरः प्राणातिपात, मृपावाद, अदतादान, मैथुन,
परिगृह रात्रि भोजन आदि त्याग करने का पच्चखाण करना उसका नाम विरतिपन व उससे अविरतिरूप आश्रव द्वार बंध
होजाता है, (२०) प्रश्नः विरति के कितने प्रकार हैं ? • उत्तरः दो प्रकार. सर्व विरति व देश विरति. (२१) प्रश्नः सर्व विरति किसको कहते है ? उत्तरः उपर बतलाये हुवे प्राणातिपात आदि
व्रतों को सर्वथा त्याग करने वाले मुनिओं
को सर्व विरति कहते हैं. (२२) प्रश्नः देश विरति किसको कहते हैं ? उत्तरः जो अपनी शक्ति अनुसार व्रत पच्चक्खाण
करते हैं व उपयोग सहित पालते हैं एसे
श्रावक श्राविकाओं को देश विरति कहते हैं. (२३) प्रश्न: अप्रमाद मापने क्या व उससे क्या लाभ ?
उत्तरः पांच प्रमाद को छोडना सो अप्रमाद व ... उससे प्रमाद रूप आश्रव द्वार वंध होता है. (२४) प्रश्नः पांच प्रमाद कौन २ से हैं ?
'' उत्तरः मद, विषय, कषाय निद्रा.व बिकथा. (२५) प्रश्नः अकषाय मायने क्या वं उससे क्या लाभ ? .