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________________ - (५६) प्रश्नः सिद्ध भगवंत क्या करते हैं ? उत्तरः अनंत आत्मिक सुख में विराजमान हैं. (५७) प्रश्नः पंचपरमेष्ठी में मनुष्य कितने हैं ? उत्तरः चार (सिद्ध भगवंत के अलावा) . ॥ प्रकरण तीसरा॥ जीव-तत्त्व और अजीव-तत्त्व. (१) प्रश्नः अपने शरीर पर जलता हुवा अंगारा गिर जाय तो क्या होता है ? उत्तर वेदना होती है. (२) प्रश्नः लोग मर जाते हैं पीछे शरीर को ____ क्या करते हैं? उत्तरः आग में जलाते हैं. (३) प्रश्नः उसको वेदना होती है या नहीं ? उत्तरः उसको वेदना नहीं होती है. (४) प्रश्नः क्यों वेदना नहीं होती है.? उत्तम उसमें जीव नहीं है इस वास्ते. (५) प्रश्नः कब तक सुख या दुःख मालुम होता है ? उत्तरः जब तक शरीर में जीव होता है तब तक. (६) प्रश्नः सुख दुःख कौन समज सकता है शरीर या जीव . उत्तरः जीव शरीर नहीं. (७) प्रश्नः तुमने जीव देखा है ? उत्तरः नहीं, जीव देखने में नहीं आता है.
SR No.010487
Book TitleShalopayogi Jain Prashnottara 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharshi Gulabchand Sanghani
PublisherKamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer
Publication Year1914
Total Pages77
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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