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___(, ५७ ।) समझके उसके आगे घासदानेका टोकरा तो नहीं रखदेते हैं यदि रक्खें तो मूर्ख कहावे ऐसे ही किसी बालक अर्थात् अज्ञानीने पाषाणादिका बिम्ब तथा चित्र बनाके भगवान कल्प रक्खा है तो उसको हमभी,भगवानकाआकार कहदें परंतु उसे वंदना नमस्कार तो नहीं करें
और लड्डू पडे तो अगाड़ी नहीं धरे इत्यर्थः । ___ पूर्वपक्षी-खांडके खिलौने हाथी घोड़ादिआकार संच के भरे हुये उन्हें तोड़के खाओं कि नहीं। उत्तरपक्षी-उनके खानेका व्यवहार ठीक नहीं पूर्वपक्षी-उसके खाने में कुछ दोष है।
उत्तरपक्षी-दोष तो इतनाहीहैकि हाथीखाया घोड़ा खाया यह शब्द अशुद्ध है। ।
पूर्वपक्षी-यदि जड़पदार्थका आकार वा नाम