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नं०
( ८ ),
विषय
भांति किया परन्तु कई एक जगह सूत्रों में मूर्ति पूजा सिद्ध होती है तो किस तरह ? उत्तर—धोखा है प्रामाणिक सूत्रों के अनुसार उस के पाठ अर्थ मे सिद्ध नहीं होती है ।
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१३ प्र० - राय प्रश्नी सूत्र में सुरियाभ देव ने मूर्ति पूनी.
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G D ?G उत्तर— देवलोक में अक्कत्रिम ( शाश्वती) मूर्तियें होती हैं इत्यादि प्रमाणों से मूर्तिका पूजन मुक्ति का मार्ग नहीं है यह सिद्ध किया है और ज्ञাन दीपिका पुस्तक मे जो मूर्ति खण्डन भी हठ है ऐसा लिखा है उस का नोट दिया है।
१४ प०-उवाई सूत्र के आदि में (बहवे अरिहन्त चेईये) ऐसा लिखा है और अम्बर जीने भी मूर्तिपूजा की है ऐसा लिखा है |
उत्तर—केवल अज्ञानता से ही ऐसा कहना होता है सूत्र के पाठार्थ से यह भाव नहीं निकलता पाठार्थ भी लिख दिया गया है ।
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