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( ८ ) हुओ अन्न पोनी वस्त्रादि ) निर्दोष पदार्थ का लेना ३ ब्रह्मचर्य (हमेशा यती रहना) अपितु स्त्री को हाथ तक भी न लगाना जिस मकान में स्त्री रहती हो उस मकान में भी न रहना। ऐसे ही साध्वी को पुरुष के पक्षमें समझ लेना ४ निर्ममत्व (कौड़ी पैसा आदिक धन ) धातु का किंचित् भी न रखना ५ रात्रि भोजन का त्याग अर्थात् रात्रि में न खाना न पीना रात्रि के समय में अन्न पानी आदिक खान पोन के पदार्थ का संचय भी न करना (न रखना) और नंगे पांव भूमि शय्या, तथा काष्ठ शय्या का करना फलफूल आदिक और सांसारिक विषय व्यवहारों से अलग रहना, पञ्च परमेष्टी का जाप करना धर्मशास्त्रों के अनुसार पूर्वोक्त सत्य सार धर्म रीतिको ढंढकर परोपकार के लिये