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कि यदि चेइय नामज्ञान का होता तो सूत्रोंमें ऐसा पाठ होताकि,मति चेइय श्रुतचेइय अवधिचेइय मनःपर्जवचेश्य केवलचेइय। ___ उत्तरपक्षी-सूत्र कर्ता की इछा किसी नाम से लिखे यदि मति चेइय ऐसा न लिखने से ज्ञानका नाम चेइयन माना जायगा तो फिर मूर्ति का नाम चेइय कहना निश्चय ही खंडन हो जायगा क्योंकि सूत्रोंमें मूर्ति का नाम इय कहि नहीं लिखाहै यथा ऋषभदेव चइय महावीर चेइय नाग चेइय भूत चेइय यक्षचेइय इत्यादि यदि लिखा होतो प्रकट करो जहां कहींसूत्रों में मूर्ति के विषयमे पाठआता है यथा रायप्रश्नीजीसूत्र, जीवाभिगमजीसूत्र में(अठसय जिनपडिमा)नागपडिमा भूतपडिमा यक्ष पडिमा इत्यादि तथा अंतगढ जी सूत्र