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अर्धमागधी आगम साहित्य की विशिष्ट शब्दावलि २७१
__ धिज्जाइ' की भाति बहुत करके इस शब्द का प्रयोग भी ब्राह्मणो के उपहास के लिये किया गया जान पडता है।
६. अगोहलि (आकठ स्नान) अग +होल के सयोग से बना है। कन्नड मे होल का अर्थ धोना होता है। मराठी मे आधोल १० स्नान के अर्थ मे प्रचलित है। आवश्यक चूर्णी, व्यवहार भाष्य टीका आदि मे इसका उल्लेख है।
१० तक (बृ० भा० १७०६) । सस्कृत मे तक। प्राकृत मे उदसी (बृ० भा० ५६०४) भी। छास रूप में भी उल्लेख है, जो खानदेश मे बोली जाने वाली अहिराणी (अहीरो की भाषा) मे आज भी प्रचलित है।
११ जल्ल और मल (निशीथ भाष्य ५३४) । जल का अर्थ शरीर का मल होता है। दोनो मे अन्तर यही है कि जल्ल मे गीलापन रहता है जब कि मल हाथ आदि से रगड कर निकाला जाता है और फूक मारने से उड जाता है।
१२ उज्जल्ल (बृ० भा० २४५७) अर्थात् विशेप मलिन (उत्=प्राबल्येन मलिन), लेकिन हिन्दी मे उज्वल शब्द का अर्थ उज्वल हो गया है, जैसे सस्कृत के भद्रक शब्द से भद्दा उल्टे अर्थ मे प्रयुक्त होता है।
१३ तुप (नि० भा० २०१) अर्थात् मृत शरीर की चर्वी। मराठी मे तूप का अर्थ घी और कन्नड मे तेल होता है। किस प्रकार परिस्थितियों के अनुसार शब्दो के अर्थ मे फेरफार हो जाता है ? यह अध्ययन का विषय है।
१४ उत्तरोदरोम (निशीथ सूत्र ३५६), सस्कृत मे उत्तरी०रोम = अपर के मो० के वाल = मूछ।
१५ वेणूसुइय (नि० सून) अर्थात् वास की बनी सूई। इससे जान पडता है कि उस समय लोहे की सूई प्रचलित नहीं थी।
१५ माडग्गाम (बृ० भा० २०६६, निशीथ सूत्र मे भी) अर्थात् स्त्रीसमूह । मराठी मे स्त्री के अर्थ मे, प्रयुक्त, भोजपुरी मे मउगी।
१६ टिक (टिटा अथवा टा)। टिंटर का अर्थ धूतगृह होता है। भविसत्त कहा, सुपासनाहचारिस आदि मे इसका उल्लेख है (देखिये पाइअसहमहण्णवो) कर्पूरमजरी मे टेटा का अर्थ द्यूतगृह किया गया है। ज्ञानेश्वरी के १८वे अध्याय मे टिटेघर का प्रयोग हुआ है किन्तु टीकाकार ने उसका सही अर्थ नही किया। टिट या टेंटा की हिन्दी के ८८ (झगडा) शब्द के साथ तुलना की जा सकती है।
१७ घोडयकडुइय (व्यवहार भा० ४ १०५) का अर्थ है दो साधुओ का परस्पर प्रश्नोत्त, सभवत जैसे दो घोडे मिलकर आपस मे खुजलाते हैं।
१८ खट्टामल्ल (बृ० भा० २६२३-२५) अर्थात् सौ वर्ष का बूढा जो बीमारी के कारण खाट पर से उठने में असमर्थ हो। खासने और थूकने मे भी उसे कष्ट होता है। वह पूआ खाते समय केवल चचव शब्द करता है, खा नही सकता, इसलिये उसे पूवलिया खाओ (पूयलिका खादक) भी कहा गया है।
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