________________ न्योछावरमें कोई भी पुस्तकनिकता. कदापि नहिं दे सक्ता / अगर पेली सस्ती न्योछावरमें कोई बुकसेलर देने का इस्तहार देथे तो समझ लेना चाहिये कि या तो कागजपतले रही हैं या अक्षर बारीक. 'या उस प्रथको संक्षेप करके थोडा पाठ (छोटा प्रथ) छपाया है, क्योंकि वे जी.प्रथा छपाते हैं सो कुछ पैदा करनेके लिये सो छपाते है और यह संस्था सिर्फ ज्ञानाचारके लिये छपाती है, पैदा करने के लिये यह.संस्था स्थापन गति हुई हैं। ... .. व्यवस्थापक --- ... भारतीय जैनसिद्धांतप्रकाशिनी संस्था - विश्वकोप लेन, पो० वाघबाजार, (कलकचा)