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________________ १) संवित बैन इतिहास wwe किनाशाहिरकी वीरताका परिचयास महती कार्यसे स्वतः हो । बलाके मकाळमें हरिहर सामन्त रूपमें ही शासन करते रहे। उनके सुबह शासन और दुम्य शौर्यन ने बनप्रिय बना दिया । बता होस राज्यकी समाप्ति पर हरिहर ही बनताके निकट मान्य शासक हुये । संगम राजवंशके वह पहले नरेश और विनय नगर राज्य संस्थापक हु ! हरिहरकी सत्ताको दक्षिण भारतके प्रायः समी छोटे शासकोंन मान्य किया था। उसके भाइयों ने भी उसे अपना सबाट स्वीकार कर लिया था। वे सा उसके शासन में प्रांतोंके कषिपति रहे थे। कम्पण दक्षिण पूर्वका अधिपति था। बुक द्वारा. समुदमें शासनाधिकारी था। मारप्पा प्राचीन बनवासी राज्यका शासन प्रबंध करता था। होमर के साधीन जो शासक थे उनमेसे कतिपय शासक कदम्प, कोकण, तेलेगु और मदुगके मुसधमान शासकोंसे मिलकर विद्रोही हुये थे और दिल्ली के तुगलक मुल्तानने भी हरिहरको परास्त करनेका प्रयास किया था. परन्तु यशस्वी वीर हरिहरने उन सबको पास्त करके देशमै सुख और शातिको स्थापित किया बा। मंग कलिंग और पाख्य देशोंमें भी उनकी सत्ता मान्य हुई बी। इसकR अभद्रासे लेकर पांच देश तक समस्त माग हरि. भाबीन हावा। सन् १३५१ ई. में बुकको उसने अपना सुपरमपनाकाला। सपने मातामोंके सहयोगसे सन् १३४६ १० से ११५५ . क सपालपमें शासन किया था। सन् ११५. वासी दुनावा। - लोमविधिम् । मु सबाणा: पवितः ॥' (२००२)। २-पि. पु. १.५१. ..
SR No.010479
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages171
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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