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________________ संवित बैन इतिहास। भारत में जन्त तक सोपरि रही थी। हरिहर और दुक नहीके महामंडलेश्वर थे। होटपक राजांशके समास होने पर ही उन्होंने सासन मासंमाका बामौर विजयनगर राज्यकी स्थापना की थी। पतः यही युक्तिसंगत प्रतीत होता है कि हरिहर मावि विजयनगर नरेशोंका राजवंश भी वही था नो होरपक नरेशोंका था। संगम (यादव) राजवंश। होमनरेश अपनेको यादम-कुछ-चन्द्र श्रीकृष्ण का वंशक भौर द्वाराबती पुरवराधीश्वर घोषित करते थे। हरिहर और बुकने भी अपने को यादव गजकुलसे उत्पन या कृष्णके वंशज लिखा है। के संगम नामक रामाके पुत्र थे। मत: यह मानना ठीक है कि विजयनगरके राजा यादपकुलोत्पन्न होसक राजवंशसे संबंधित थे। संगमनरेश। विजयनगर राज्यके मादि शासक और संस्थापक हरिहर एवं इदके पिता संगमनरेश थे। उनके नामकी अपेक्षा यह राजवंश 'संगम' नामसे प्रसिद्ध हुआ था। संगम चन्द्रवंशी यादव नरेश थे। छनके पिताका नाम अनन्त और माताका नाम मेषाम्बिका था। १-संऔर., भा० ३ खंड ४ । २-"सोमवश्या यतः सध्या यादवा इति विभुताः । बस्मिन् यदुकुले क्लाध्ये सोऽभून्छी संगमेश्वरः ॥ बेन पूर्व विधानेन पालिताः सकला प्रजाः।" .., ::-हिर नि.का नेोर दानपत्र, ए... ४..
SR No.010479
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages171
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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