________________
नमः सिद्धेश्यः। कारबा
संक्षिप्त जैन इतिहास।
(भाग : खण्ड ५)
प्राकथन।
भाशन जिन्दा और जिन जिन्होंने मानवीय कमजोगियों का जान लिया :-- जितान्तय हैं-और है
के कल्याणकत्ता ! वह ना मा नाकाहान हैं, जनी ही पदचिहों पर चलकर महिमा मनिता कि... विश्व अज्ञःनकालय करते आये हैं। इनकार जन उन मान्यों का समुदाय का है जो महिमा धर्भके उपासक और उसके प्रकाशक रहे हैं । जैन संघ भारतीय
श, विश्वक ममी' लोग म्मिलित हुये और जैन शासनको इस संगठित कमें उनहोंने मात बनाया । जिनेन्द्र नाति और के